कोरोना वायरस जिसे कोविड -१९ कहा जा रहा हे एक वायरसों के बड़े समूह का सदस्य हे जिसकी शुरुआत मामूली सर्दी जुकाम से होती हे और अत्यंत गंभीर अवस्था को प्राप्त कर लेता हे. यह जानवरों के साथ साथ इंसानो में भी बड़ी आसानी से फेल सकता हे. कुछ वायरस जानवरो में ऐसे भी होते हे जो इंसानो को संक्रमित नहीं करते।
कोरोना वायरस के लक्षण:
यह कुछ साधारण से श्वशन संक्रमण सा लगने वाला या इसमें बुखार ,सूखी खासी , स्वाँस लेने में परेशानी, श्वास फूलना आदि हो सकते हे. संक्रमण की गंभीरता में न्यूमोनिया या फिर किडनी फेल हो सकती हे.
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यह वायरस करता क्या हे?
जब शरीर का प्रितिरोधक तंत्र इसके लिए लड़ता हे व् इसे साफ़ करने व् ठीक करने की कोशिश करता हे तो इसका रिस्पांस बहुत आश्चर्यचकित करने वाला होता हे जिसमे फेफडो में लिक्विड भर जाता हे जो सैल्स और म्यूकस के रूप में होता हे. फेफड़ो में ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण वे ख़राब होने लगते हे और गंभीर न्यूमोनिआ हो जाता हे. इन्फेक्शन से लड़ते हुए रक्त में सेप्सिस रिलीस होता हे जो मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर का कारण बनता हे जिसके चलते ब्लड प्रेशर में गिरावट आती हे और मृत्यु का कारण बनता हे
(१) 81% मरीजों में यह हल्का फुल्का संक्रमण था.
(२) 14% लोगो में इसके गंभीर लक्षण जैसे न्यूमोनिया , श्वास और श्वसन सम्बंधित समस्याएँ देखने को मिली।
(3) 5% लोग अत्यंत गंभीर स्थिति में पहुंचे।
पुरुष और महिला दोंनो में यह संक्रमण बराबरी से देखा गया जबकि शुरूआती रिपोर्ट में यह पाया गया था की यह पुरुषों में अधिक पाया गया था.
बुखार और फेफड़ों पर असर
यह वायरस नाक की तुलना में श्वसन मार्ग और फेफड़ों के अंदर के टिस्यूस को आंतरिक तौर पर संक्रमित करता हे जिसकी वजह से अस्पतालों में भर्ती मरीजों में बुखार, सूखी ख़ासी इसके सामान्य लक्षण होते हे.
किन्तु सभी पेशेंट्स में अन्य प्रकार के लक्षण भी पाए गए, जैसे की:
31% लोगो में श्वाँस लेने में परेशानी।
11% लोगो में मांसपेशीय दर्द
9 % लोगो में घबराहट और असमंजस
8 % में सरदर्द
5 % में गले में दर्द व् खराश
आगे चलकर ये न्युमोनिआ में परिवर्तित हुए, कुछ फेफड़ो में सूजन और सूक्ष्म नलिकाओं जिनमे से ऑक्सीजन रक्त को मिलती हे, में पानी भर गया अर्थात अंग या ऑर्गन फेल्योर हुआ.
पहली मृत्यु:
चीन में जो दो पहले मरीज जिनकी मृत्यू हुई वो सामान्यतः स्वस्थ थे किन्तु लम्बे समय से स्मोकर थे और उनके फेफड़े कमजोर पड़ चुके थे. 61 वर्षीय मरीज को जब वो हॉस्पिटल आये, तब तक गंभीर न्यूमोनिअा हो चूका था. उनका श्वसन तंत्र बेहद कमजोर था जिसकी वजह से ऑक्सीजन की कमी के चलते वेंटिलेटर पर भी फेफड़े काम करना छोड़ चुके थे और अंततः हार्ट फेल हुआ.
किन्हे हे सर्वाधिक खतरा ?
वृद्ध जनो की सम्भावना कही अधिक पायी गयी जिनमे मृत्यू का पैटर्न इस प्रकार था:
(1) 0.5% ऐसे लोगो की मृत्यू हुई जो 50 वर्ष के अंदर थे.
(2) 1.3% जिनको 45 -50 वर्ष के थे.
(3) 3.6% वे थे जो 60 वर्ष के दशक में थे.
(4) 8% ऐसे थे जो 70 के दशक में थे.
(5) 15% 80 की उम्र वाले थे.
खेर यह डाटा आने के दौरान ही बहुतो का इलाज चल रहा था जिनमे हलके से लगाकर गंभीर रोगी भी थे.
जो पहले से अस्वस्थ उनके बारे ,में:
(1) ऐसे लोग जिन्हे अन्य कोई तकलीफ नहीं थी, उनके मृत्यु दर 0.9% थी.
(2) 6% ऐसे लोग जिन्हे हाय bp की शिकायत थी
(3) 6% ऐसे जिनको स्मोकिंग या लम्बे समय से फेफड़ो की समस्या थीं.
(4) 7% ऐसे लोग जिन्हे मधूमेह या डायबिटीज़ था
(5) 11% जिन्हे हृदय रोग थे.
कोरोना वायरस से बचाव एवं तब क्या करे जब आपको इसके लक्षण दिखाई दे:
(1) यह वायरस बहुत तेजी से फैलता हे पर इसकी मृत्युदर इतनी अधिक नहीं हे. अतः ऐसे व्यक्ति जिसको सर्दी खासी बुखार हो, से कम से कम 3-5 फ़ीट की दुरी बनाये।
(2) भीड़ भाड़ वाले जगहों पर जाने से बचे.
(3) हर 3-4 घंटो में हाथो को कम से कम 20 सेकेंड्स तक अच्छे से धोये या अल्कोहल बेस्ड सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करे।
(4) सर्दी होने पर या छींक आने पर अपने मुँह को कवर करे.
(5) नार्मल फ्लू समझकर अनदेखा न करे और तुरंत उपचार लेवें।
(6) बीमार होने पर घर पर ही आराम करें।
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ReplyDeleteGood information
ReplyDeleteThank you Satish :)
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